Friday, August 29, 2025

मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 हेतु क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं का सुदृढ़ीकरण” को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

“मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 हेतु क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं का सुदृढ़ीकरण” को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

बच्चों के विरूद्ध यौन अपराध के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता-एसीएस


बाल कुपोषण में कमी विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए-सुधीर राजपाल 

पंचकूला, 29 अगस्त- महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्री सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सेक्टर 5 स्थित इंद्रधनुष सभागार में “मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 हेतु क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं का सुदृढ़ीकरण” शीर्षक पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।   
राज्यभर के महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने पर कार्यशाला में ध्यान केंद्रित किया गया। जमीनी स्तर पर प्रत्येक महिला तक पहुँचने में क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, विभाग ने क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीडीपीओ, पर्यवेक्षक और जिला बाल संरक्षण इकाई के  कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
श्री सुधीर राजपाल ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य जिला महिला सशक्तिकरण केंद्र टीमों, वन स्टॉप सेंटर कर्मचारियों, पर्यवेक्षकों और अन्य जमीनी स्तर के हितधारकों सहित अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की क्षमता, दक्षता और जवाबदेही को बढ़ाने के लिए है। ये कार्यकर्ता मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 कार्यक्रम की रीढ़ हैं, जो चुनौतियों का सीधे समाधान करते हैं और उन्हें आवश्यक सरकारी सेवाओं से जोड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि लक्षित प्रशिक्षण, ज्ञान साझाकरण और संबद्ध विभागों के साथ अभिसरण के माध्यम से, इस कार्यक्रम का ध्यान महिलाओं के लिए कानूनी प्रावधानों, कल्याणकारी योजनाओं और सुरक्षा तंत्रों के बारे में जागरूकता पैदा करने, प्रभावी कार्यान्वयन के लिए क्षेत्रीय कर्मचारियों को उपकरणों से लैस करने, जिला-स्तरीय अधिकारियों, स्थानीय शासन संस्थानों और समुदाय-आधारित संगठनों के बीच समन्वय को मजबूत करने और कमजोर परिस्थितियों में महिलाओं और बच्चों के साथ व्यवहार करते समय जवाबदेही और संवेदनशीलता को बढ़ावा देने पर बल दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जिला पदाधिकारियों से बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अनुपालन सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिला स्तर के कर्मचारियों को बाल यौन शोषण से संबंधित घटनाओं की रिपोर्टिंग के बारे में जमीनी स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है क्योंकि यह कानून अनिवार्य पर जोर देता है 
उन्होंने सभी जिलों में देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले कमजोर बच्चों की पहचान करने में पुलिस विभाग, श्रम विभाग सहित विभिन्न विभागों की भूमिका का भी उल्लेख किया ताकि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मिशन वात्सल्य के अंतर्गत आने वाली विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बच्चों को आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके। विभाग द्वारा कार्यान्वित विभिन्न योजनाओं और कानूनों के अंतर्गत सभी प्रमुख पदाधिकारियों को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (किशोर न्याय अधिनियम) के प्रावधानों और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 को सख्ती से लागू करने पर बल दिया गया। भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी मिशन वात्सल्य दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन के लिए जरूरी है।
हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने राज्यभर में कुपोषण को कम करने के लिए निर्देश दिया कि स्तनपान की आवश्यकता वाले शिशुओं का समर्थन करने और बाल स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए राज्य में एक मदर मिल्क बैंक स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें मार्केंट में आ रहे पैकेट बंद दूध को नवजात शिशु को न पिलाने पर विशेषतौर पर फोक्स करना है ताकि ये बच्चे माता का दूध पिकर तंदुरुस्त हो सके। उन्होंने विभाग से माताओं को आगे आने और मदर मिल्क बैंक को स्तन दूध दान करने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की, नवजात शिशुओं, विशेष रूप से उन शिशुओं के जीवन को बचाने में इसके महत्व पर प्रकाश डाला जो समय से पहले जन्मे या गंभीर रूप से बीमार हैं और अपनी माताओं से दूध प्राप्त करने में असमर्थ हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि बच्चों के कल्याण के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, प्रत्येक अधिकारी और क्षेत्रीय कार्यकर्ता गंभीर तीव्र कुपोषण (एसएएम) से पीड़ित बच्चों को गोद लें और उनकी देखभाल और पोषण पुनर्वास के लिए हर संभव सहायता प्रदान करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बाल कुपोषण में कमी विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए। 
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी हितधारकों से सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा पर्याप्त पोषण से वंचित न रहे, और हरियाणा के बच्चों के स्वस्थ भविष्य के निर्माण के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ।

इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं सेवाएं महानिदेशक डाॅ कुलदीप सिंह, सीएमओ डाॅ मुक्ता कुमार, महिला बाल विकास की निदेशक मोनिका, संयुक्त निदेशक राजबाला, डाॅ पूनम रमन, उपनिदेशक रचना, मुख्यालय से प्रोग्राम अधिकारी कमलेश राणा सहित स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग के डीपीओ व सीडीपीओ मौजूद थे।

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