Friday, August 29, 2025

डाॅ. अंबेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना के अंतर्गत 31 जनवरी 2026 तक कर सकते हैं आवेदन - उपायुक्त

डाॅ. अंबेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना के अंतर्गत 31 जनवरी 2026 तक कर सकते हैं आवेदन - उपायुक्त

पंचकूला, 29 अगस्त - उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा डॉ. अंबेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना के अंतर्गत वर्ष 2025-26 के ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2026 तक है। योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग, विमुक्त जाति, घुमंतु एवं अर्ध घुमंतू जाति तथा टपरीवास जाति के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए 31 जनवरी 2026 तक आवेदन पत्र पोर्टल https://saralharyana.gov.in   पर ऑनलाइन कर सकते हैं।
         इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कल्याण अधिकारी विशाल बंसल ने बताया कि आवेदन करने वाले प्रार्थी की वार्षिक पारिवारिक आय 4 लाख रूपए  से अधिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत पात्र छात्र व छात्राओं का शैक्षणिक स्तर उंचा उठाने तथा उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न करने के लिए विद्यार्थियों को विभिन्न कोर्स में 8000 रुपए से 12000 रूपए तक प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
        उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदनकर्ता हरियाणा का स्थाई निवासी होना चाहिए तथा उसने अगली कक्षा में प्रवेश लिया हो और उनके परिवार की वार्षिक आय 4 लाख रूपए से कम हो। उन्होंने बताया कि पात्रता मानदंड और योजना के अन्य विवरण विभाग की वेबसाईट www.haryanascbc.gov.in पर देखे जा सकते हैं। किसी भी प्रकार की समस्या या जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 0172-2583378 एवं जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।
  जिला कल्याण अधिकारी ने बताया कि डा. अंबेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति, घुमंतु, अर्ध घुमंतु जाति एवं टपरीवास जाति के 10वीं कक्षा में उतीर्ण छात्र के लिए शहरी क्षेत्र में 70 प्रतिशत अंक तथा ग्रामीण क्षेत्र में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कक्षा 11वीं तथा सभी डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्स के प्रथम वर्ष में पढने वाले छात्रों को 8 हजार रुपए की वार्षिक छात्रवृति प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में उत्तीर्ण छात्रों के लिए शहरी क्षेत्र में 75 प्रतिशत अंक और ग्रामीण में 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कक्षा स्नातक के प्रथम वर्ष आर्ट्स/कार्मस/साइंस व सभी डिप्लोमा कोर्सिस में पढ़ने वाले को 8 हजार रुपए वार्षिक छात्रवृति, इंजिनियरिंग तथा अन्य तकनीकी एवं व्यवसायिक कोर्सेज के छात्रों को 9 हजार रुपए वार्षिक व मेडिकल तथा अलाईड कोर्सेज के छात्रों को 10 हजार रुपए की राशि वार्षिक छात्रवृति के रूप में प्रदान की जाएगी।
     इसी प्रकार, स्नातक की परीक्षा में शहरी क्षेत्र में 65 प्रतिशत व ग्रामीण क्षेत्र में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। स्नातकोत्तर कक्षा में पढने वाले प्रथम वर्ष आर्ट, कॉमर्स व साईंस के छात्र को 9 हजार रुपए वार्षिक छात्रवृति, इंजिनियरिंग तथा अन्य तकनीकी व्यवसायिक कोर्सेज के छात्रों को 11 हजार रुपए व मेडिकल व अलाइड कोर्सेज के छात्रों को 12 हजार रुपए की राशि वार्षिक छात्रवृति के रूप में प्रदान की जाएगी।
     डॉ. अंबेडकर मेधावी छात्र योजना के अंतर्गत पिछड़ा वर्ग के छात्रों को भी लाभ देने के लिए शामिल किया गया है। पिछड़ा वर्ग ब्लाक ए के 10वीं कक्षा में उतीर्ण छात्र के लिए शहरी क्षेत्र में 70 प्रतिशत अंक तथा ग्रामीण क्षेत्र में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कक्षा 11वीं तथा सभी डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्सेज के प्रथम वर्ष में पढ़ने वाले छात्रों को 8 हजार रुपए की वार्षिक छात्रवृति प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछड़ा वर्ग ब्लाक बी तथा अन्य वर्गोें के 10वीं कक्षा में उतीर्ण छात्रों के लिए शहरी क्षेत्र में 80 प्रतिशत अंक तथा ग्रामीण क्षेत्र में 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कक्षा 11वीं तथा सभी डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्सेज के प्रथम वर्ष में पढ़ने वाले छात्रों को 8 हजार रुपए की वार्षिक छात्रवृति प्रदान की जाएगी।

मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 हेतु क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं का सुदृढ़ीकरण” को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

“मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 हेतु क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं का सुदृढ़ीकरण” को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

बच्चों के विरूद्ध यौन अपराध के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता-एसीएस


बाल कुपोषण में कमी विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए-सुधीर राजपाल 

पंचकूला, 29 अगस्त- महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्री सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सेक्टर 5 स्थित इंद्रधनुष सभागार में “मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 हेतु क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं का सुदृढ़ीकरण” शीर्षक पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।   
राज्यभर के महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने पर कार्यशाला में ध्यान केंद्रित किया गया। जमीनी स्तर पर प्रत्येक महिला तक पहुँचने में क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, विभाग ने क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीडीपीओ, पर्यवेक्षक और जिला बाल संरक्षण इकाई के  कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
श्री सुधीर राजपाल ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य जिला महिला सशक्तिकरण केंद्र टीमों, वन स्टॉप सेंटर कर्मचारियों, पर्यवेक्षकों और अन्य जमीनी स्तर के हितधारकों सहित अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की क्षमता, दक्षता और जवाबदेही को बढ़ाने के लिए है। ये कार्यकर्ता मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 कार्यक्रम की रीढ़ हैं, जो चुनौतियों का सीधे समाधान करते हैं और उन्हें आवश्यक सरकारी सेवाओं से जोड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि लक्षित प्रशिक्षण, ज्ञान साझाकरण और संबद्ध विभागों के साथ अभिसरण के माध्यम से, इस कार्यक्रम का ध्यान महिलाओं के लिए कानूनी प्रावधानों, कल्याणकारी योजनाओं और सुरक्षा तंत्रों के बारे में जागरूकता पैदा करने, प्रभावी कार्यान्वयन के लिए क्षेत्रीय कर्मचारियों को उपकरणों से लैस करने, जिला-स्तरीय अधिकारियों, स्थानीय शासन संस्थानों और समुदाय-आधारित संगठनों के बीच समन्वय को मजबूत करने और कमजोर परिस्थितियों में महिलाओं और बच्चों के साथ व्यवहार करते समय जवाबदेही और संवेदनशीलता को बढ़ावा देने पर बल दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जिला पदाधिकारियों से बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अनुपालन सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिला स्तर के कर्मचारियों को बाल यौन शोषण से संबंधित घटनाओं की रिपोर्टिंग के बारे में जमीनी स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है क्योंकि यह कानून अनिवार्य पर जोर देता है 
उन्होंने सभी जिलों में देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले कमजोर बच्चों की पहचान करने में पुलिस विभाग, श्रम विभाग सहित विभिन्न विभागों की भूमिका का भी उल्लेख किया ताकि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मिशन वात्सल्य के अंतर्गत आने वाली विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बच्चों को आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके। विभाग द्वारा कार्यान्वित विभिन्न योजनाओं और कानूनों के अंतर्गत सभी प्रमुख पदाधिकारियों को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (किशोर न्याय अधिनियम) के प्रावधानों और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 को सख्ती से लागू करने पर बल दिया गया। भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी मिशन वात्सल्य दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन के लिए जरूरी है।
हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने राज्यभर में कुपोषण को कम करने के लिए निर्देश दिया कि स्तनपान की आवश्यकता वाले शिशुओं का समर्थन करने और बाल स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए राज्य में एक मदर मिल्क बैंक स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें मार्केंट में आ रहे पैकेट बंद दूध को नवजात शिशु को न पिलाने पर विशेषतौर पर फोक्स करना है ताकि ये बच्चे माता का दूध पिकर तंदुरुस्त हो सके। उन्होंने विभाग से माताओं को आगे आने और मदर मिल्क बैंक को स्तन दूध दान करने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की, नवजात शिशुओं, विशेष रूप से उन शिशुओं के जीवन को बचाने में इसके महत्व पर प्रकाश डाला जो समय से पहले जन्मे या गंभीर रूप से बीमार हैं और अपनी माताओं से दूध प्राप्त करने में असमर्थ हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि बच्चों के कल्याण के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, प्रत्येक अधिकारी और क्षेत्रीय कार्यकर्ता गंभीर तीव्र कुपोषण (एसएएम) से पीड़ित बच्चों को गोद लें और उनकी देखभाल और पोषण पुनर्वास के लिए हर संभव सहायता प्रदान करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बाल कुपोषण में कमी विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए। 
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी हितधारकों से सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा पर्याप्त पोषण से वंचित न रहे, और हरियाणा के बच्चों के स्वस्थ भविष्य के निर्माण के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ।

इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं सेवाएं महानिदेशक डाॅ कुलदीप सिंह, सीएमओ डाॅ मुक्ता कुमार, महिला बाल विकास की निदेशक मोनिका, संयुक्त निदेशक राजबाला, डाॅ पूनम रमन, उपनिदेशक रचना, मुख्यालय से प्रोग्राम अधिकारी कमलेश राणा सहित स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग के डीपीओ व सीडीपीओ मौजूद थे।

Sunday, August 17, 2025

मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत वैकल्पिक फसलों की बुआई करने पर कृषि विभाग ने दिया बल


वैकल्पिक फसलों की बुआई के लिए जिला में 1500 एकड का रखा लक्ष्य 


पंचकूला,  17 अगस्त - हरियाणा सरकार द्वारा मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत धान की फसल को वैकल्पिक फसलों जैसे कपास, मक्का, अरहर, मुंग, मोठ, उड़द, सोयाबीन, ग्वार, तिल, अरण्डी, मुंगफली, फल व सब्जियां, खरीफ प्याज,  खरीफ चारा व कृषि वानिकी (सफेदा व पोप्लर) द्वारा विविधिकरण करने के लिए जिला में 1500 एकड का लक्ष्य दिया गया है। 

 कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक श्री सुरेंद्र यादव ने बताया कि किसान अपने पिछले वर्ष बोये गए धान के क्षेत्र को उपरलिखित वैकल्पिक फसलों में बदल सकता है। वर्ष 2025 से पहले किसान द्वारा पंजीकरण करने के पश्चात मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर सत्यापन उपरांत किसान को 7000 रूपये प्रति एकड़ की दर से वित्तिय सहायता प्रदान की जाती थी जोकि इस वितीय वर्ष से 8000 रूपये प्रति एकड़ कर दी गई है और डी0बी0टी0 के तहत किसान के खाते में जमा कर दी जाएगी। 

उन्होंने बताया कि स्कीम के तहत किसान द्वारा पिछले वर्ष बोई गई धान के खेत को खरीफ 2025 में खाली रखने पर भी वित्तिय सहायता प्रदान की जाएगी। उक्त योजना का लाभ लेने के लिए किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवा सकते हंै। इसके अतिरिक्त यदि उपरलिखित वैकल्पिक फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है तो उक्त फसलों की 100 प्रतिशत खरीद हरियाणा सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी।

उन्होंने जिले के किसानों से अपील करते हुए कहा कि भूमिगत जल के संरक्षण हेतू धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें बोने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाएं व अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि/बागवानी कार्यालय से संपर्क कर सकते है।

Saturday, August 9, 2025

CISF’s Project Mann in collaboration with ‘MPower’ Offers Mental Health Support to over 75,000 Personnel


CISF’s Project Mann in collaboration with ‘MPower’ Offers Mental Health Support to over 75,000 Personnel
Counselling Services and Interventions Strengthen Morale Across the Force.
Today, the Chairperson of Aditya Birla Education Trust (ABET), Mrs. Neerja Birla and DG CISF Sh. RS Bhatti, IPS jointly reviewed the progress of Project Mann a mental health initiative for which CISF and ABET have signed an MoU in November 2024.

DG CISF appreciated the role of the ABET professionals in creating mental health awareness through awareness building, counselling, clinical interventions and training of CISF personnel. 

Project Mann has been able to help 75,181 CISF personnel and their families till date. ABET has also trained 1,726 CISF officers and sub-officers to identify and manage low-risk mental health issues and escalate serious cases to professionals. This two-tiered structure has made psychological support more accessible at the grassroots level.

Hyper sensitive units such IGI Airport, Parliament, Delhi Metro among others have had psychometric assessments of over 31,000 personnel for early identification in case of potential issues. The initiative has resulted in counselling and interventions in the case of depression, marital discord, financial stress among others. 

It is notable that the suicide rate of CISF has declined below the national average during the year 2024 and 2025 highlighting the impact of this initiative.
Considering the success and impact of Project Mann, DG CISF and Mrs. Neerja Birla has jointly decided to continue the support for the coming years. Highlighting the significance of this initiative DG CISF stated “Mental health is as mission-critical as physical fitness for our personnel. This initiative strengthens our internal support systems and ensures that our personnel remain emotionally resilient, focused and operationally ready”. 
Mrs. Neerja Birla, Founder and Chairperson - Mpower, Aditya Birla Education Trust, stated - “Our long-term partnership with CISF is a testament to what can be achieved when mental health is institutionalised. Over the past three years, Project Mann has supported more than 75,000 personnel with, psSychometric screening, counselling, peer engagement and a 24×7 helpline across CISF units nationwide. We appreciate CISF’s commitment to holistic well-being of integrating wellness protocols and care into daily system resulting in a 40% reduction in suicide incidents as a positive outcome.”
Sd---29.07.2025

Saturday, August 2, 2025

PM-KISAN UTSAV DIWAS



"PM-KISAN UTSAV DIWAS"

The Prime Minister has released the 20th installment of the PM-KISAN scheme to eligible beneficiaries on 2nd August 2025 from Varanasi, Uttar Pradesh. In this context, the Government of India has declared 2nd August 2025 as
"PM-KISAN UTSAV DIWAS".

To commemorate the occasion and raise awareness about the mandatory eligibility criteria for inclusion under the scheme, extensive Information, Education, and Communication (IC) activities are being conducted across the country through various social media platforms, print media, and other outreach channels.

In alignment with this national initiative, the Department of Agriculture and Animal Husbandry & Fisheries, UT Chandigarh Administration, jointly organized the "PM-KISAN UTSAV DIWAS" in U.T., Chandigarh. The event was attended virtually through a
dedicated weblink.

Key officers of Department of Agriculture and Animal Husbandry &
Fisheries, Chandigarh Administration Sh. Pardeep Kumar, IAS, Secretary, Sh. Naveen, Director, Dr. Ashwani Kumar, Joint Director in addition Sh. Satinder Sidhu, Chairman, State Cooperative Bank, Sh. Ajeet Singh Behlana, Ex-Sarpanch, Behlana participated in
the program along with a large number of enthusiastic farmers from the region.

The event served as an important platform to disseminate crucial
information about the PM-KISAN scheme and encouraged farmers to understand and comply with the eligibility norms to avail the benefits under the scheme.

Friday, August 1, 2025

MC Chandigarh seized 450 Kg banned plastic bags from residential units in sector 56; takes strict action against violators



*MC Chandigarh seized 450 Kg banned plastic bags from residential units in sector 56; takes strict action against violators*

*Chandigarh, July 30:-* In a major crackdown against the illegal storage of banned plastic items, the Municipal Corporation Chandigarh, in collaboration has recovered a massive 450 kilograms of banned plastic from residential premises in Sector 56.

Following the directions of MC Commissioner Sh. Amit Kumar, IAS, the operation, conducted by a team of Sanitary Inspectors namely Sh. Jagjit Singh (CSI), Sh. Ashish Malik (S.I), Sh. Lokesh Meena (S.I), and Sh. Gurinder Singh (S.I), resulted in the recovery of plastic waste from House No. 817 and 794, Sector 56. A challan has been issued in the name of Vijay, c/o Usha Devi w/o Hari Ram, resident of House No. 817, Sector 56.

This decisive action aligns with the Municipal Corporation’s ongoing efforts to curb the use and storage of prohibited plastic materials within city limits, and to promote eco-friendly waste management practices. The recovered plastic was safely transported and disposed of at the designated dry waste processing plant.

The Commissioner reiterated the zero-tolerance policy of MC Chandigarh towards the violation of plastic ban norms and has warned that further violations will attract stringent penalties and legal action. He urged citizens to cooperate and contribute to keeping Chandigarh clean and sustainable.

The Municipal Corporation remains committed to enforcing environmental regulations and encourages public participation in reporting any such violations to ensure a plastic-free Chandigarh.

डाॅ. अंबेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना के अंतर्गत 31 जनवरी 2026 तक कर सकते हैं आवेदन - उपायुक्त

डाॅ. अंबेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना के अंतर्गत 31 जनवरी 2026 तक कर सकते हैं आवेदन - उपायुक्त पंचकूला, 29 अगस्त - उपायुक्त मोनिका गुप्ता ...